जिले में 30 सरकारी विभागों पर बिजली के 5 करोड़ 99 लाख रुपये बकाया

अशोकनगर । विद्युत वितरण कंंपनी के द्वारा जिले के 30 शासकीय विभागों पर 5 करोड़ 99 लाख 14 हजार 64 रुपये वसूले जाना है। किन्तु विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन विभागों के द्वारा उक्त राशि विद्युत बिल के रूप में जमा नहीं की जा रही है। जिसके कारण विद्युत वितरण कम्पनी को राशि वसूली के लिए विभागों को नोटिस भी जारी करने पड़े है। इसके बाद भी यदि राशि जमा नहीं की गई तो उनके विद्युत कनेक्शन विच्छेद किए जाएंगे। विद्युत वितरण कम्पनी के कार्यपालन यंत्री श्रवण पटेल ने बताया कि जिले में सबसे अधिक राशि पीएचई नल-जल योजना पर बकाया है। जिसके 131 कनेक्शनों पर 1 करोड़ 54 लाख 38 हजार 360 रुपये की राशि वसूल की जाना है। इसी प्रकार शिक्षा विभाग के 367 विद्युत कनेक्शनों पर 77 लाख 32 हजार 864 रुपये, सिंचाई विभाग के 12 कनेक्शनों पर 5 लाख 51 हजार 480 रुपये की राशि बकाया है जबकि नगरपालिका चंदेरी पर 78 लाख 66 हजार 196 रुपये, नगरपालिका ईसागढ़ के 20 कनेक्शनों पर 17 लाख 91 हजार 615, नगरपालिका शाढ़ौरा के 11 कनेक्शनों पर 3 लाख 5 हजार 477 रुपये, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के 35 कनेक्शनों पर 16 लाख 62 हजार 182 रुपये, आदिम जाति कल्याण विभाग के 32 कनेक्शनों पर 13 लाख 90 हजार 776 रुपये, पुलिस विभाग के 56 कनेक्शनों पर 62 लाख 9 हजार 962 रुपये, राजस्व विभाग के 25 कनेक्शनों पर 27 लाख 11 हजार 134 रुपये, बीएसएनएल विभाग के 55 कनेक्शनों पर 68 लाख 47 हजार 438 रुपये तथा नगरपालिका परिषद अशोकनगर के 85 कनेक्शनों पर 19 लाख 48 हजार 956 रुपये, एई पीएचई के 8 कनेक्शनों पर 9 लाख 82 हजार 494 रुपये, जिला पंचायत अशोकनगर के 4 कनेक्शनों पर 6 लाख 71 हजार 220 रुपये सहित अन्य विभागों से भी इसी प्रकार राशि वसूली जाना है। आम उपभोक्ता के विद्युत कनेक्शन की राशि यदि बिलम्ब से जमा हो तो उसके कनेक्शन विच्छेद कर दिए जाते है जबकि इन विभागों पर लाखों रुपये की राशि बकाया होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।


 

इंद्रा गृह ज्योति योजना में 56 हजार में से 2 हजार उपभोक्ता ही कर रहें है राशि जमा


कार्यपालन यंत्री का कहना है कि मध्यप्रदेश शासन की इंद्रा गृह ज्योति योजना के तहत विद्युत वितरण कम्पनी के द्वारा 56 हजार कनेक्शन प्रदान किए गए है। जिनमें से मात्र 2 हजार ही उपभोक्ता ऐसे है जिनके द्वारा उक्त योजना के अंतर्गत राशि जमा कराई जाती है। इस योजना के तहत 100 यूनिट बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 100 रुपये की राशि जमा करना होती है। इसके बाद इन उपभोक्ताओं द्वारा उक्त राशि जमा नहीं की जा रही है। 54 हजार उपभोक्ता ऐसे है जो शासन की योजना के बाद भी उक्त राशि जमा नहीं कर रहे है।