एजुकेशन डेस्क. चेन्नई में बेरोजगारी संख्या बढ़ने के साथ ही बेहद खराब होती जा रही है। इनमें सबसे ज्यादा बुरी हालत इंजीनियर डिग्री धारकों की है जो अब पार्किंग अटेंडेंट की जॉब के लिए तक अप्लाय कर रहे हैं। आलम यह है कि उच्च शिक्षा प्राप्त लोग कोई भी नौकरी करने के लिए तैयार हैं। वह बस किसी भी तरह वर्किंग क्लास में शामिल होने चाहते है, जहां नौकरियां बेहद कम हैं और अप्लाय करने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है।
50 फीसदी इंजीनियर ने किया अप्लाय
द हिन्दू की रिपोर्ट एक के मुताबिक, चेन्नई में पार्किंग अटेंडेंट की जॉब के लिए 1400 उम्मीदवारों ने अप्लाय किया था। आवेदन करने वाले इन उम्मीदवारों में से 70 फीसदी से ज्यादा ग्रेजुएट है और 50 फीसदी से ज्यादा इंजीनियरिंग पास है। पार्किंग अटेंडेट की जॉब के लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएसएलसी) मांगी गई थी। एसएसएलसी 10वीं पास करने वालों को मिलता है। हम आज अभी तक पार्किंग अटेंडेंट का काम आर्मी रिटायर्ड या 10वीं पास लोगों को करते देखतो थे। लेकिन अब सोमवार से चेन्नई में इंजीनियरिंग डिग्री धारक पार्किंग की व्यवस्था को संभालते नजर आएंगे।
बेरोजगारी का गिरता स्तर
पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम के एक प्राईवेट वेंडर ने बताया कि पार्किंग अटेंडेंट की जॉब के लिए अप्लाय करने वाले कई कैंडिडेट्स इंजीनियरिंग में मास्टर्स भी कर चुके हैं। इन लोगों को लिए काम करने की सही ऑप्शन पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम का डिजिटल मोड होगा। लेकिन यह लोग एसएसएलसी क्वालिफिकेशन वाली पार्किंग अटेंडेंट की जॉब के लिए काम कर रहे हैं। इससे बेरोजगारी के गिरते स्तर के बारे में पता चलता है।